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उत्तराखंड नदी तंत्र – उत्तराखंड में नदियों को तीन तंत्रों में बांटा गया है-
1.गंगा नदी तंत्र
2.यमुना नदी तंत्र
3.काली नदी तंत्र
- उद्गम स्थल- उत्तरकाशी के बंदरपूंछ पर्वत के दक्षिण-पश्चिम भाग में स्थित यमुनोत्री कांठा नामक स्थान से यमुना नदी निकलती है।
- उत्तराखंड में यमुना नदी की लंबाई- 136Km.
- उद्गम स्थल से प्रयाग तक(यमुना गंगा से मिल जाती है) यमुना नदी की लंबाई-1384Km.
- यमुना नदी की खोज आसित मुनि ने की इसलिये यमुना नदी को आसित या आसिता नदी भी कहा जाता है।
- बंदरपूंछ पर्वत का पौराणिक नाम कालिंदी पर्वत रहा इसलिए कालिंदी पर्वत से निकलने के कारण यमुना को कालिंदी नदी के नाम से भी जाना जाता है।
- पौराणिक ग्रन्थों में कालिंदी(यमुना) को सूर्य पुत्री, शनि एवं यम की बहन व कृष्ण की पटरानी भी कहा गया है।
- यमुना नदी यमुनोत्री धाम से होकर प्रवाह करती है यमुनोत्री धाम में स्थित मंदिर का निर्माण प्रताप शाह ने 1872-73 में कराया था।
- यमुनोत्री से 16Km की दूरी पर सप्तऋषि कुण्ड स्थित है।
Uttarakhand Nadi tantra |
1.ऋषिगंगा-
उद्गम स्थल- बंदरपूंछ ग्लेशियर
यमुना से संगम- जानकी चट्टी(खरसाली)
2.हनुमान गंगा-
उद्गम स्थल- बंदरपूंछ ग्लेशियर
यमुना नदी से संगम- हनुमान चट्टी(खरसाली)
3.कमलगाड- यह नदी नोगांव में यमुना से मिल जाती है
4.टोंस नदी- टोंस नदी यमुना की सबसे प्रमुख सहायक नदी है जो कि यमुना नदी से ढाई गुना अधिक जल लाती है
टोंस नदी दो नदियों से मिलकर बनी है-
1.सूपिन नदी-
उद्गम स्थल- उत्तरकाशी स्थित स्वर्गरोहणी ग्लेशियर से
2.रूपिन नदी- यह हिमाचल प्रदेश के डोडरा क्वार क्षेत्र से निलकलती है
- सूपिन व रूपिन नदी का संगम नैटवाड़(उत्तरकाशी) में होता है और यहां से टोंस नदी के रूप में यह आगे बहती है कुछ दूरी तक टोंस नदी को तमसा के नाम से जाना जाता है।
- नैटवाड़ में टोंस नदी पर 60 मेगावाट की नैटवाड़ा जल विधुत परियोजना है।
- टोंस नदी देहराड़ू के कालसी नामक स्थान पर यमुना नदी से मिल जाती है।
5.आसन नदी- उद्गम- देहरादून के आसरोड़ी- देहरामार्ग के पश्चिमी से
यमुना से संगम- रामपुर-मंडी(देहरादून)
नोट-आसन नदी सीधे यमुना से नहीं मिलती बल्कि यमुना नदी पर निर्मित शक्ति नहर में जा मिलती है
6.गिरीगंगा– यह हिमाचल प्रदेश से निकलकर देहरादून में यमुना नदी से मिल जाती है
यमुना नदी की कुछ अन्य सहायक नदी- बनाड़गाड़, कृष्णागाड़, खुतनुगाड़, बरनीगाड़, भद्रीगाड़, पूज्यारगाड़, मुगरागाड़, गडोलीगाड़
Uttarakhand Nadi tantra – Ganga Nadi tantra in Hindi
- गंगा नदी भारत की सबसे लम्बी नदी है।
- उत्तराखंड में गंगा नदी को गंगा के नाम से देवप्रयाग के बाद जाना जाता है।
- देवप्रयाग में भागीरथी व अलकनंदा का संगम होता है जिसे आगे गंगा के नाम से जाना जाता है।
गंगा नदी तंत्र को तीन नदी उपतंत्रो में बांटा गया है-
1.भागीरथी नदी तंत्र
2.अलकनंदा नदी तंत्र
3.नयार नदी
भागीरथी नदी गंगा नदी तंत्र का प्रमुख उपतंत्र है । भागीरथी नदी का उद्गम उत्तरकाशी स्थित गंगोत्री हिमनद के गोमुख नामक स्थान से होता है। गोमुख से देवप्रयाग तक भागीरथी नदी की लंबाई 205 Km है भागीरथी नदी गोमुख से लेकर देवप्रयाग में पहुंचती है तो इस बीच इसमें कई छोटी-बड़ी सहायक नदियां मिल जाती हैं
1.रुद्रगंगा:-
उद्गम स्थल:- रुद्रगेरा ग्लेशियर
भागीरथी से संगम:- गंगोत्री धाम के ऊपरी स्थान पर
2.केदारगंगा:-
उद्गम स्थल:- केदार ताल
भागीरथी से संगम:- गंगोत्री धाम के निकट
गंगोत्री धाम का निर्माण गोरखा सूबेदार अमर सिंह थापा ने करवाया था
3.जाडगंगा(जान्हवी नदी)-
उद्गम स्थल:- थांगला दर्रा
भागीरथी से संगम:- भैरोघाटी
4.सियागंग:-
सियागंगा झाला नामक स्थान पर भागीरथी में मिल जाती है
5.असीमगंगा:-
उद्गम:- डोंडीताल
भागीरथी से संगम- गंगोरी नामक स्थान पर
5.भिलंगना नदी-
उद्गम स्थल:- खतलिंग ग्लेशियर(टिहरी)
भागीरथी से संगम- गणेश प्रयाग(पुरानी टिहरी)
भिलंगना नदी की सहायक नदियां- भिलंगना की प्रमुख सहायक नदी धर्मगंगा व बालगंगा है जो कि बूढाकेदार में एक होकर आगे बढ़ती है व घनसाली में भिलंगना नदी में मिल जाती है
भागीरथी नदी गणेश प्रयाग से आगे बढ़ती हुई देवप्रयाग में अलकनंदा से मिल जाती है
2.अलकनन्दा नदी तंत्र– अलकनंदा नदी को पौराणिक ग्रंथों में देवनदी भी कहा जाता है। अलकनंदा का उदगम चमोलो जिले के उत्तरी भाग में स्थित संतोपथ हिमनद और संतोपथ ताल(क्षीर सागर) से होता है
उद्गम स्थल से देवप्रयाग तक अलकनन्दा नदी की लंबाई 195Km है
1.सरस्वती नदी-
उद्गम स्थल – देवताल झील से
अलकनंदा सेसंगम – केशव प्रयाग में
सरस्वती नदी पर दो बड़े पत्थरों से निर्मित भीम पुल है माना जाता है कि स्वर्ग जाते समय भीम ने इस पुल को दो विशाल शिलाओं द्वारा बनाया गया।
2.ऋषिगंगा-
उद्गम स्थल- नीलकंठ पर्वत
अलकनंदा से संगम- बद्रिनाथ
संतोपथ हिमनद से बद्रिनाथ धाम तक अलकनन्दा की लंबाई-20-22 Km
3.लक्ष्मण गंगा/हेमगंगा-
उद्गम स्थल:- हेमकुंड ग्लेशियर
अलकनंदा से संगम:- गोविंद घाट
लक्ष्मण गंगा2 की प्रमुख सहायक नदी पुष्पावती है जो कि घांघरिया नामक स्थान पर लक्ष्मण गंगा से मिलती है
4.पश्चिमी धौलीगंगा:-
उद्गम स्थल:- धोलोगिरी श्रेणी(नीति दर्रा)
अलकनंदा से संगम:- विष्णुप्रयाग
पश्चिमी धौलीगंगा की प्रमुख सहायक नदियां:- ऋषिगंगा, गणेश गंगा, गिरथी गंगा
ऋषिगंगा रैनी नामक स्थान पर पश्चिमी धौलीगंगा से मिल जाती है
पंच प्रयागों मे विष्णुप्रयाग एकमात्र ऐसा प्रयाग है जो बिना आबादी वाले क्षेत्र में स्थित है
5.विरही गंगा,पाताल गंगा व गरुड़ गंगा:– ये तीनों नदियां जोशीमठ में अलकनंदा में मिल जाती है
6.बालखिल्य नदी-
उद्गम स्थल- तुंगनाथ, रुद्रनाथ श्रेणी से
संगम- अलकापुरी में अलकनन्दा से
बालखिल्य नदी की प्रमुख सहायक नदी- अमृत गंगा
7.नन्दाकिनी–
उद्गम – नंदा घुँघटि हिमनद से
संगम:- नंदप्रयाग में अलकनंदा से
नन्दाकिनी की प्रमुख सहायक नदी- चुपलागाड
, गोरी नदी, मोलागाड़
8.पिंडर नदी:-
उद्गम स्थल- पिण्डारी ग्लेशियर(बागेश्वर)
संगम- कर्णप्रयाग में अलकनंदा से
पिण्डर नदी की प्रमुख सहायक नदियां:- अटागाड़,प्राणमती, ज्ञानगंगा,
पिण्डर नदी को कर्णगंगा के नाम से भी जाना जाता है
9.मंदाकिनी:-
उद्गम- मन्दराचल श्रेणी(केदारनाथ) या चोरबाड़ी ताल(चोराबाड़ी हिमनद से)
चोराबाड़ी ताल को गांधी सरोवर के नाम से भी जाना जाता है
संगम- रुद्रप्रयाग में अलकनन्दा नदी से मिल जाती है
मंदाकिनी की प्रमुख सहायक नदी-
1.मधुगंगा-
उद्गम- मदमहेश्वर
संगम- कालीमठ में मंदाकिनी से
2.सोनगंगा/वाशुकी गंगा-
उद्गम- वाशुकी ताल
संगम- सोनप्रयाग में मंदाकिनी से
नोट- मंदाकिनी नदी एकमात्र अलकनंदा नदी की ऐसी सहायक नदी है जो दायीं ओर से अलकनंदा में मिलती है
रुद्रप्रयाग से आगे चलकर अलकनंदा नदी देवप्रयाग पहुंच जाती है व भागीरथी नदी में मिल जाती है यहां से भागीरथी(सास) व अलकनंदा(बहु) आगे गंगा के नाम से जाती है
क्र०स० प्रयाग नदियों का संगम
1. विष्णुप्रयाग अलकनन्दा-पश्चिमी धोली गंगा
2. नंदप्रयाग अलकनन्दा-नन्दाकिनी
3. कर्णप्रयाग पिण्डर नदी- अलकनंदा
4. रुद्रप्रयाग अलकनंदा-मंदाकिनी
5. देवप्रयाग भागीरथी- अलकनन्दा
Uttarakhand Gk In Hindi, uttarakhand geography in hindi
नयार नदी उपतंत्र –
नयार नदी गंगा नदी तंत्र की प्रमुख सहायक नदी है जिसे नादगंगा के नाम से भी जाना जाता है
उद्गम स्थल- दूधातोली श्रेणी(पौड़ी)
गंगा से संगम- पौड़ी के फूलचट्टी नामक स्थान पर
नयार नदी की प्रमुख सहायक नदियां –
पूर्वी नयार-
उद्गम स्थल- दूधातोली श्रेणी के दक्षिणी श्रेणी(जख्मोलीधार श्रेणी) से
मूल स्थान पर पूर्वी नयार को स्युन्सी गाड़ कहते हैं
दुनाब जल विधुत परियोजना(बीरोंखाल) पूर्वी नयार पर निर्मित है
पश्चिमी नयार-
उद्गम- दूधातोली श्रेणी के उत्तर-पश्चिमी ढाल से
पूर्वी नयार व पश्चिमी नयार सतपुली में मिल जाती है व आगे इसे नयार नदी के नाम से जाना जाता है जो कि पौड़ी के फूलचट्टी नामक स्थान पर गंगा में मिल जाती है
गंगा नदी की अन्य प्रमुख सहायक नदी-
1.चंद्रभागा-
उद्गम- चंदनवाड़ी
संगम- ऋषिकेश में गंगा नदी से
2.सोंग नदी-
उद्गम- सुरकण्डा(मसूरी श्रेणी)
संगम- रायवाला में गंगा नदी से
गंगा की अन्य सहायक नदी जिनका उद्गम तो उत्तराखंड के विभिन्न स्थानों से होता है लेकिन गंगा से संगम राज्य के बाहर होता है-
1.पश्चिमी रामगंगा-
उद्गम- दूधातोली श्रेणी की पूर्वी ढाल से
राज्य से बाहर निकलती है-कालागढ़(पौड़ी) से
गंगा में संगम- उत्तर प्रदेश में कन्नौज के निकट
2.कोसी नदी-
उद्गम- कौसानी(बागेश्वर)
बागेश्वर, अल्मोड़ा, नैनीताल व ऊ०सि०न० से होकर 168 Km बहने के पश्चात सुलतानपुर में रामगंगा से मिल जाती है
3.दाबका नदी-
उद्गम- नैनीताल जिले के गरमपानी नामक स्थान से
राज्य से बाहर निकलती है- बाजपुर(ऊ०सि०न०) से
4.बाकरा नदी-
उद्गम- नैनीताल
राज्य से बाहर निकलती है- खानपुर(ऊ०सि०न०)
5.गोला नदी-
उद्गम- नैनीताल के पहाड़पानी से
नैनीताल व ऊ०सि०न० में 102 Km बहने के बाद किच्छा के पास राज्य से बाहर निकलती है
Uttarakhand Nadi tantra – Uttarakhand Gk In Hindi
काली नदी- काली नदी पिथौरागढ़ में स्थित लिपुलेख दर्रे के निकट कालापानी(ब्यास आश्रम) से निकलती है व भारत-नेपाल का बॉर्डर बनाते हुए आगे बढ़ती है
पिथौरागढ़ के बाद यह चम्पावत में प्रवेश करती है व टनकपुर में पहुंच जाती है यहां से इसे आगे शारदा के नाम से भी जाना जाता है यहां से आगे बढ़ते हुए काली नदी बनबसा बैराज में पहुंचती है यहां से काली नदी दो नहरों के रूप में निकलती है-
शारदा नहर व महाकाली नहर
उद्गम स्थल से बनबसा बैराज तक काली नदी की लंबाई-252Km
काली नदी उत्तराखंड की सबसे लंबी नदी है
काली नदी को उत्तराखंड की सबसे अपवित्र नदी भी माना जाता है
काली नदी की सहायक नदियां-
1.कुठियांगटी- यह काली नदी की प्रथम सहायक नदी है
उद्गम– जैंक्सर श्रेणी के पश्चिमी ढाल से
संगम- गूंजी नामक स्थान पर काली नदी से
सहायक नदियां- सागचुमना, थुमका,निरकुट
2.पूर्वी धौलीगंगा– पूर्वी धौलीगंगा दो शाखाओं के रूप में निकलती है-लिस्सर व दारमा इन दोनों नदी का उद्गम गोवानखना हिमनद से होता है व तेजांग(छोटा कैलास) में संगम करती है व आगे पूर्वी धौलीगंगा के नाम से जानी जाती है
पूर्वी धौलीगंगा का काली नदी में संगम- खेला(तवाघाट)
पूर्वी धौलीगंगा की लंबाई- 91Km
गौरीगंगा–
उद्गम- मिलम ग्लेशियर
संगम- जौलजीवी नामक स्थान पर काली नदी में
गौरीगंगा दो नदियों से मिलकर बनती है- गोरी व रालम(शुनकल्पा)
गौरीगंगा के लम्बाई- 104Km
सहायक नदी- रमलगाड़, मदकानी, गोनखागाड़
सरयू नदी– सरयू नदी काली नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है जो कि सर्वाधिक जल लाती है
उद्गम- बागेश्वर के सरमूल(झुन्डी) नामक स्थान से
संगम- 146 Km प्रवाहित होने के बाद यह पंचेश्वर के निकट काली नदी से मिल जाती है
सरयू नदी की सहायक नदियां-
1.गोमती नदी–
उद्गम- डेबरा श्रेणी(बागेश्वर)
संगम- बागेश्वर में सरयू नदी से
2.पनार नदी-
उद्गम- अल्मोड़ा के दक्षिणी भाग से
संगम- कांकरीघाट में सरयू नदी में
3.पूर्वी रामगंगा–
उद्गगम-पेंटिग व नामिक हिमनद से
संगम- रामेश्वर तीर्थ में सरयू नदी से
लाधिया नदी- यह उत्तराखंड में काली नदी की अंतिम सहायक नदी है
उदगम-अल्मोड़ा व नैनीताल के मिलन बिंदु पे स्थित गजार नामक स्थान से
संगम-चुका(चम्पावत) में काली नदी में मिल जाती है
काली नदी आगे बढ़ती हुई बनबसा बैराज पहुंचती है व इस बैराज से काली नदी दो शाखाओं में निकलती है
1.शारदा नहर- ऊ०सि०न० से होकर उत्तर प्रदेश पहुंच जाती है
2.महाकाली नहर- यह नहर नेपाल की और निकलती है
Uttraakhand Nadi Tantra Short Trick
S.N |
प्रमुख नदी |
सहायक नदी |
उदगम स्थल |
संगम स्थल | |
1 |
यमुना नदी |
ऋषिगंगा |
बंदरपुंछ ग्लेशियर |
जानकी चट्टी | |
हनुमान गंगा |
बंदरपुंछ ग्लेशियर |
हनुमान चट्टी | |||
कृष्णागाड | |||||
कमल गाड़ |
नोगांव(उत्तरकाशी) | ||||
आसन गाड़ |
आसारोड़ी देहरामर्ग |
रामपुर मंडी | |||
गिरी गाड़ |
हिमाचल प्रदेश |
दून | |||
Short Trick – ऋषि हनुमान कृष्ण के कमल आसन पर गिरा
ऋषिगंगा हनुमान गंगा कृष्णा गाड़ कमल गाड़ आसन नदी गिरी गंगा | |||||
S.N |
प्रमुख नदी |
सहायक नदी |
उद्गम स्थल |
संगम स्थल |
2 |
भागीरथी नदी |
रुद्रगंगा |
रुद्रगेरा ग्लेशियर |
गंगोत्री धाम के ऊपर |
जान्हवी नदी |
थांगला दर्रा |
भैरो घाटी | ||
सियागंगा |
झाला नामक स्थान | |||
असीमगंगा |
डोंडिताल |
गंगोरी | ||
भिलांगना |
खतलिंग ग्लेशियर |
गणेश प्रयाग | ||
Short Trick – जानकी सिया राम की असीम प्रेम में भीग चली
जान्हवी नदी सियागंगा रुद्रगंगा असीमगंगा भिलांगना |
S.N |
प्रमुख नदी |
सहायक नदी |
उद्गम स्थल |
संगम स्थल |
3 |
अलकनन्दा |
ऋषिगंगा |
नीलकण्ठ पर्वत |
बद्रीनाथ |
मंदाकिनी |
चोराबाड़ी ताल |
रुद्रप्रयाग | ||
सरस्वती |
देवताल झील |
केशव प्रयाग | ||
नंदाकिनी |
नन्दा घुंघटी |
नन्द प्रयाग | ||
बालखिल्य |
तुंगनाथ |
अल्कापुरी | ||
लक्ष्मणगंगा |
हेमकुण्ड ग्लेशियर |
गोविन्द घाट | ||
विरही गंगा |
जोशीमठ | |||
पाताल गंगा |
जोशीमठ | |||
पश्चमी धोली गंगा |
धौलीगीरी श्रेणी |
विष्णुप्रयाग | ||
Short Trick – ऋषि मंद स्वर में नंदबाल को लक्ष्मण विरह कथा सुनाकर पाप धोये
ऋषिगंगा मंदाकिनी सरस्वती नंदाकिनी बालखिल्य लक्ष्मणगंगा विरहीगंगा पातालगंगा पश्चमी धोलीगंगा |
S.N |
प्रमुख नदी |
सहायक नदी |
उद्गम स्थल |
संगम स्थल |
4 |
गंगा नदी |
नयार नदी
पश्चिमी रामगंगा
चन्द्र्भागा
बाकरा नदी
सोंग नदी |
दुधातोली श्रेणी
दुधातोली श्रेणी
चन्दनवाड़ी
नैनीताल
सुरकंडा श्रेणी |
फूलचट्टी
कनोज के निकट(UP)
ऋषिकेश
रायवाला |
Short Trick– नयार रामचन्द्र को सोंग बेकार मे सुनाया
नयार नदी रामगंगा चंद्रभागा सोंग नदी बाकरा नदी |
S.N |
प्रमुख नदी |
सहायक नदी |
उद्गम स्थल |
संगम स्थल |
5 |
काली नदी |
कुठीयांगटी
पूर्वी धोलीगंगा
गोरीगंगा |
जैंक्सर श्रेणी
गोवनखना नदी
मिलम ग्लेशियर |
गूँजी मे
खेला(तवाघाट)
जोलजीवी |
Short Trick- काली खुट्टी धोके गोरी बना
काली नदी कुठीयांगटी पूर्वी धोलीगंगा गोरीगंगा |
S.N |
प्रमुख नदी |
सहायक नदी |
उद्गम स्थल |
संगम स्थल |
6 |
सरयू नदी |
गोमती नदी
रामगंगा
पनार नदी |
डेबरा श्रेणी
पेंटिंग व नामिक ग्लेशियर |
बागेश्वर
रामेश्वर तीर्थ
कांकरीघाट |
Short Trick- सरयू किनारे राम गाय को पानी पिलाता है
सरयू रामगंगा गोमती नदी पनार नदी |
उत्तराखंड नदी तंत्र महत्वपूर्ण MCQ
Q1-वशुधारा जलप्रपात किस नदी का सहायक जलप्रपात है-
A.सरस्वती नदी B.अलकनन्दा
C.गंगा D.भागीरथी
Ans- B
Q2- मंदाकिनी नदी का उद्गम कहाँ से होता है-
A.हेमताल B.रूपकुंड
C.यमताल D.चोराबाड़ी ताल
Ans- D
Q3- अलकनंदा नदी की एकमात्र सहायक नदी जो दायीं और से अलकनंदा नदी से मिलती है-
A.पिण्डर नदी B.मंदाकिनी
C.हेमगंगा D.सरस्वती नदी
Ans- B
Q4- धर्मगंगा किस नदी की सहायक नदी है-
A.रुदरगंगा B.भिलंगना
C.केदारगंगा D.नयार नदी
Ans- B
Q5- दुनाब परियोजना किस नदी पर निर्मित है-
A.पूर्वी नयार B.पश्चिमी नयार
C.पूर्वी रामगंगा D.पश्चिमी रामगंगा
Ans- A
Q6- पूर्वी नयार व पश्चिमी नयार का संगम किस स्थल पर होता है-
A.फूलचट्टी B.सतपुली
C.पैठाणी D.बीरोखाल
Ans- B
Q7- सप्तऋषि कुंड कहाँ स्थित है-
A.यमुनोत्री B.गंगोत्री
C.केदारनाथ D.बद्रीनाथ
Ans- A
Q8- आसन नदी व यमुना नदी का संगम स्थल है-
A.फूलचट्टी B.रामपुर-मंडी
C.नैटवाड़ा D.कालसी
Ans- B
Q9- ऋषिगंगा व यमुना नदी का संगम कहाँ पर होता है-
A.हनुमान चट्टी B.नैटवाड़ा
C.जानकी चट्टी D.सप्तऋषि कुंड
Ans- C
Q10- विष्णुगंगा किस नदी को कहा जाता है-
A.भागीरथी B.अलकनंदा
C.काली नदी D.यमुना नदी
Ans- B
Q11- पांच प्रयागों में एक मात्र प्रयाग जिसके आसपास कोई आबादी युक्त क्षेत्र नहीं है-
A.विष्णुप्रयाग B.नंदप्रयाग
C.देवप्रयाग D.कर्णप्रयाग
Ans- A
Q12- भागीरथी नदी की लंबाई कितनी है-
A.205KM B.195KM
C.136KM D. 252KM
Ans- A
Q13- पश्चिमी रामगंगा किसकी सहायक नदी है-
A.गंगा B.नयार नदी
C.अलकनंदा D.सरयू नदी
Ans- A
Q14- उत्तराखंड की सबसे पवित्र नदी किसे कहा जाता है-
A.भागीरथी B.रामगंगा
C.सरयू D.गौरीगंगा
Ans- C
Q15- बनबसा बैराज किस नदी पर निर्मित है-
A.नयार नदी B.शारदा नदी
C.यमुना नदी D.पूर्वी धौलीगंगा
Ans- B
Q16- उत्तराखंड की सबसे लम्बी नदी कौन सी है-
A.भागीरथी B.अलकनंदा
C.काली नदी D.यमुना नदी
Ans- C
Q17- भीमगोडा परियोजना किस नदी पर निर्मित है-
A.भागीरथी B.अलकनंदा
C.गंगा नदी D.काली नदी
Ans- C
Q18- सूपिन व रूपिन नदी किसकी सहायक नदियां है-
A.टोंस नदी B.कमलगाड
C आसन नदी D नयार नदी
Ans- A
Q19- जान्हवी नदी भागीरथी में किस स्थान पर मिलती है-
A.गंगोत्री धाम में B.भैरोघाटी में
C.झाला में D इनमें कोई नहीं
Ans- B
Q20- पूर्वी धौलीगंगा किसकी सहायक नदी है-
A.रामगंगा B.काली नदी
C.अलकनंदा D.गौरीगंगा
Ans- B
Q21- उत्तराखंड की सबसे पश्चिमी नदी निम्न में से कौन सी है-
A.भागीरथी B.नयार नदी
C.यमुना नदी D.सोंग नदी
Ans- C
मुझे उम्मीद है किउत्तराखंड राज्य में बहने वाली प्रमुख नदियां – Uttarakhand Nadi tantra के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आयी होगी। उत्तराखंड के बारे में ऐसे ही Uttarakhand Gk In Hindi की आपको बहुत सी पोस्ट JardhariClasses.Com में देखने को मिल जयेगी जिन्हें आप पढ़ सकते हैं