Chand Vansh In Uttarakhand – उत्तराखंड में चंद राजवंश | History of Uttarakhand in Hindi
कुमाँऊ में चंद व कत्यूरी प्रारम्भ में समकालीन थे और इनमें सत्ता के लिये संघर्ष चलता रहा
प्रारम्भ में इस इनकी राजधानी चंपावत थी लेकिन बाद में चंदशासकों ने नैनिताल, अल्मोड़ा, नेपाल के भी कुछ हिस्सों को अपने राज्य में समिलित किया।
Uttarakhand History |
- सोमचन्द के बारे में इतिहासकरों के मत अलग अलग है-
- कुमाँऊ का इतिहास के लेखक बद्रीदत्त पांडे के अनुसार सोमचन्द का शासन 700-721ई० था।
- ब्रिटिश काल के लेखक एटकिन्स ने सोमचन्द का शासन 935 ई० के आसपास माना।
- कुछ इतिहासकारों का मानना है कि चंद वंश की स्थापना थोहरचन्द(1216ई०) ने की लेकिन अधिकांश इतिहासकारों का मानना है की चंद वंश की स्थापना सोमचन्द(685-700ई०) ने की व थोहरचन्द सोमचंद की 23वीं पीढ़ी में आया।
- सोमचन्द इलाहाबाद के झूसी नामक स्थान से बद्रीनाथ की यात्रा पर आया इस समय यहाँ पर कत्यूरी शासक ब्रह्मदेव का शासन था सोमचन्द ने ब्रह्मदेव की एकमात्र कन्या ‘चम्पा’ से विवाह कर लिया और अपनी रानी के नाम पर चंपावती नदी के किनारे चंपावत राज्य का निर्माण किया।
- राजा सोमचन्द ने चंपावत में राजबुंगा किला बनवाया था
क्र.स | चन्द वंश के राजा |
1 | सोम चन्द |
2 | आत्म चंद |
3 | पूरन चन्द |
4 | इन्द्र चन्द |
5 | मसार चन्द |
6 | सुध चन्द |
7 | हम्मीर चन्द |
8 | बीण चन्द |
9 | वीर चन्द |
10 | रूप चन्द |
11 | लक्ष्मी |
12 | धर्म चन्द |
13 | कर्म चंद |
14 | कल्याण चंद प्रथम |
15 | निर्भय चंद |
16 | नर चंद |
17 | नानकी चंद |
18 | राम चन्द |
19 | भिक्रम चन्द |
20 | मेघ चन्द |
21 22 | ध्यान चन्द पर्वत चन्द |
23 | थोहर चन्द |
24 | कल्याण चन्द द्वीतीय |
25 | त्रिलोकी चंद |
26 | डामर चंद |
27 | धर्म चंद |
28 | अभय चंद |
29 | गरुण ज्ञान चंद |
30 | हरिहर चंद |
31 | उध्यान चंद |
32 | आत्म चंद |
33 | हरि चंद |
34 | विक्रम चंद |
35 | भारती चंद |
36 | रतन चंद |
37 | कीर्ति चंद |
38 | प्रताप चंद |
39 | तारा चंद |
40 | मणिक चंद |
41 | कालि कल्याण चंद |
42 | पूरन चंद |
43 | भीस्म चंद |
44 | कल्याण चंद तृतीय |
45 | रुद्र चंद |
46 | लक्ष्मी चन्द |
47 | दलीप चन्द |
48 | विजय चन्द |
49 | त्रिमल चन्द |
50 | बाजबहादुर चन्द |
51 | उधोत चन्द |
52 | ज्ञान चन्द |
53 | जगत चन्द |
54 | देवी चन्द |
55 | अंजित चन्द |
56 | कल्याण चन्द चतुर्थ |
57 | दीप चन्द |
58 | मोहन चन्द |
59 | प्रध्युमन चन्द |
60 | शिव चन्द |
61 | महेंद्र चन्द |
BY- JARDHARI CLASSES |
चंद राजवंश के प्रमुख राजा-
इन्द्रचंद(चतुर्थ राजा) –
- इसके समय में उत्तराखंड में रेशम उत्पादन व निर्यात अधिक हुआ
- इसने नेपाल के मार्ग से चीन से ब्यापरिक संबद्ध बनाये
वीण चंद(आठवां राजा)-
- इसे विलासी राजा भी कहा गया है
- इसके समय खस जातियों का प्रभुत्व बढ़ गया था
वीर चंद(नोवां राजा)-
- वीर चंद को खस जाति का अंत का श्रेय जाता है
रूप चंद(10वां राजा) –
- इसने श्येनिक शास्त्र नामक ग्रन्थ की रचना की
थोहरचन्द(23वां राजा)-
- इसे कुछ इतिहासकारों “हर्षदत्त जोशी, श्री फ्रेजर के अनुसार थोहरचन्द ही चंद वंश का संस्थापक था ।
अभयचंद (28वां राजा)-
- यह चंद वंश का ऐसा पहला शासक था जिसके बारे में जानकारी इसके स्वयं के अभिलेखों से प्राप्त होती है
- इसके दो प्रमुख लेख-
- मालेश्वर जैन अभिलेख(पुत्र प्राप्ति हेतु)।
- चौकिनी बोरा मंदिर(चमोली) अभिलेख।
- इसकी मृत्यु पर ज्ञानचंद ने इसके श्राद्ध के अवसर पर एक ताम्र पत्र द्वारा भूमिदान किये जाने की घोषणा की।
ज्ञान गरुड़ चंद चंद(29वां राजा)-
- यह चंद वंश का सर्वाधिक शक्तिशाली राजा था।
- ज्ञान चंद के सम्बंध दिल्ली के तुगलक वंश से थे।
- फिरोज शाह तुगलक ने ज्ञान चंद को गरुड़ चंद की उपाधि दी।
- मझेड़ा ताम्रपात्र में ज्ञानचंद को श्री राजा विजय बह्म कहा गया है।
भीष्मचंद(43 वां राजा)(1512-1530)
- भीष्मचंद ने अपनी राजधानी चंपावत से स्थानांतरित कर अल्मोड़ा में बनाई लेकिन यह कल्याण चंद के शासन काल मे बनकर पूर्ण हुई।
- खगमरा किला अल्मोड़ा के पूर्व में स्थित है इस किले का निर्माण भीष्मचंद ने कराया था।
- यह चंपावत में शासन करने वाला अंतिम शासक था।
कल्याण चंद तृतीय(44वां राजा) –
- इसके शासन काल मे चंद वंश की राजधानी अल्मोड़ा(1560) बनकर पूर्ण रूप से तैयार हो गयी।
- कालापानी गाढ़(पिथौरागढ़) से प्राप्त अभिलेख में उल्लेख है कि कल्याण चंद को महाराजधिराज कल्याण चंद्र देव की उपाधि दी गयी थी।
- कल्याणचन्द ने 1563 ई० में अल्मोड़ा के पल्टन बाजार स्थित छावनी के भीतर लालमंडी किले का निर्माण करवाया।
- 1816 ई० में अंग्रेजो ने गोरखाओं को परास्त कर इस किले में झंडा फहराया था ओर इस किले को फोर्ट मोयरा नाम दिया।
रुद्र चंद(45वां राजा)–
- यह अकबर का समकालीन था।
- आईने अकबर के अनुसार कुमाँऊ को दिल्ली सूबे में दर्शाया गया है।
- इसने अकबर की स्वाधीनता स्वीकार की।
- रुद्र चंद ने रुद्रपुर नगर का निर्माण कराया.
- मल्ला महल का निर्माण भी रुद्र चंद ने कराया।
- रुद्र चंद ने “त्रैवेणिक धर्मनिर्णय” नामक पुस्तक की रचना की जिसमे सामाजिक ब्यवस्था को पुनः स्थापित किया गया।
- उषा रुद्र गोदया की रचना भी रुद्र चंद ने की।
लक्ष्मी चंद(46वां) –
- चंदो की वंशावली में इसे लक्ष्मीचंद्र व मानोदया काव्य में इसे लक्ष्मणचंद कहा गया है।
- इसके शासन काल मे बागनाथ मंदिर का निर्माण व पुराने जीर्णोद्धार मंदिरों का पुनः निर्माण हुआ।
बाजबहादुर चंद(50वां राजा)(1638-1678ई०)
- इसने बाजपुर नगर(उधम सिंह नगर) की स्थापना की।
- इसने तिब्बती आक्रमणों का सफलतापूर्वक सामना किया था।
कल्याण चंद चतुर्थ(56वां राजा)(1730-1748)-
- इसके समय प्रसिद्ध कवि शिव ने कल्याण चंद्रोदयम की रचना की।
दीप चंद(57वां राजा)-
- दीप चंद के दीवान हर्षदेव जोशी थे।
मोहन चंद(58वां)-
- इसने हर्षदेव जोशी को जेल में डाला ।
- मोहन चंद के समय गढ़वाल के शासक राजा ललित शाह ने अल्मोड़ा पर आक्रमण कर दिया व हर्षदेव जोशी को कारागार से मुक्त किया।
महेंद्र चंद(61वां राजा) –
- यह चंद वंश का अंतिम शासक था,
- 1790 ई० में नेपाल के गोरखाओं ने महेंद्र चंद को हवालाबाग( अल्मोड़ा)में पराजित किया,
- गोरखाओं को कुमाँऊ पर आक्रमण करने का निमंत्रण हर्षदेव जोशी ने दिया,
- इस प्रकार कुमाँऊ में चंद वंश का अंत हुआ व 1790 ई० में कुमाँऊ में गोरखाओं का शासन प्रारंम्भ हुआ।
चंद वंश से संबन्धित MCQ प्रश्न
Q-1 कुमाँऊ में चंद राजवंश के संस्थापक किसे माना गया था-
(a) थोहरचन्द
(b) सोमचन्द
(c) भीष्मचंद
(d) कल्याण चंद
Ans- B
Q2- चन्द्र राजवंश के राज चिन्ह क्या था-
(a) बैल
(b) गाय
(c) बाघ
(d) हाथी
Ans- B
Q4- लालमंडी किले का निर्माण किस शासक ने करवाया-
(a) कल्याण चंद द्वितीय
(b) कल्याण चंद तृतीय
(c) रुद्र चंद
(d) भीष्म चंद
Ans- B
Q5- खगमरा किले का निर्माण किस शासक ने करवाया-
(a) भीष्मचंद
(b) बाजबहादुर चंद
(c) कल्याण चंद
(d) रुद्र चंद
Ans- A
Q6- हर्षदत्त जोशी के अनुसार चंद वंश का संस्थापक कौन था-
(a) सोमचन्द
(b) भीष्म चंद
(c) इंद्र चंद
(d) थोहरचन्द
Ans- D
Q7-गांवों में ग्राम प्रधान / मुखिया नियुक्ति की प्रणाली शुरू हुई-
(a) कत्यूरी द्वारा
(b) चन्द्रों द्वारा
(c) पंवारों द्वारा
(d) निम्बरों द्वारा
Ans- B
Q8- चंद वंश का सबसे शक्तिशाली राजा कोन था-
(a) ज्ञान गरुड़ चंद
(b) भीष्म चंद
(c) कल्याण चंद
(d) रुद्र चंद
Ans- A
Q9- कल्याण चंद्रोदयम की रचना किस चंद शासक के समय हुई-
(a) कल्याण चंद तृतीय
(b) कल्याण चंद चतुर्थ
(c) भीष्म चंद
(d) रुद्र चंद
Ans- B
Q10- चंदो व मुगलों में सम्बन्ध होने की जानकारी मिलती है-
(a) शाहनामा
(b) अकबरनामा
(c) जहांगीरनामा
(d) a and c
Ans- D
Q11- त्रैवेणिक धर्मनिर्णय नामक ग्रन्थ की रचना किस चंद शासक ने की –
(a) कल्याण चंद
(b) रुद्र चंद
(c) रूप चंद
(d) कीर्ति चंद
Ans- B
Q12- कुमाऊँ के चाणक्य किस चंद शासक के दीवान थे –
(a) मोहन चंद
(b) कल्याण चंद
(c) दीप चंद
(d) ज्ञान चंद
Ans- C
Q13- चंद वंश का अंतिम शासक कौन था-
(a) रुद्र चंद
(b) महेंद्र चंद
(c) रूप चंद
(d) कल्याण चंद
Ans- B
Q14- चंद वंश की राजधानी अल्मोड़ा किस चंद शासक के शासन काल में बनकर पूर्ण हुई-
(a) कल्याण चंद तृतीय
(b) भीष्म चंद
(c) कल्याण चंद द्वितीय
(d) रूप चंद
Ans- A
Q-15 ताम्र पात्र पर भूमि दान देने की घोषणा किस शासक ने की-
(a) अभय चंद
(b) भीष्म चंद
(c) ज्ञान गरुड़ चंद
(d) कल्याण चंद
Ans- C
Q16- महेंद्र चंद व गोरखाओं के बीच किस मैदान में युद्ध लड़ा गया-
(a) रानीबाग
(b) हवालाबाग
(c) खुदबुड़ा मैदान
(d) इनमें से कोई नहीं
Ans- B
Q- 17 राजबुंगा किला किस चंद शासक ने बनाया-
(a) थोहरचन्द
(b) भीष्मचंद
(c) कल्याण चंद
(d) सोमचन्द
Ans- D
Q18- ज्ञान चंद को गरुड़ चंद की उपाधि दिल्ली सल्तनत के किस वंश ने दी-
(a) मुगल वंश
(b) लोदी वंश
(c) तुगलक वंश
(d) खिलजी वंश
Ans- C
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