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अठुर विद्रोह(1851):– तिहाड़ कर के विद्रोह में सकलाना की जनता ने 1851 में एक विद्रोह किया जिसका नेतृत्व श्री बद्री सिंह असवाल ने किया इस विद्रोह को अठुर विद्रोह के नाम से जाना जाता है।
1857 की क्रांति :- 1857 की क्रांति का टिहरी राज्य में कोई भी असर देखने को नहीं मिला
बारह आना बीसी भूमि ब्यवस्था(1861):- अठुर विद्रोह को देखकर तत्कालीन ब्रिटिश कुमाँऊ कमिश्नर हैनरी रैमजे 1861 में बारह आना बीसी भूमि ब्यवस्था लागू करता है।
1927-28 में टिहरी राज्य सरकार ने एक नई वन नीति लागू की जिसमें वनों के लिये तरह-तरह के कानून बनाये गये जंगलो का सीमाकरण किया गया व इस सीमा के अंदर जानवरों व मनुष्यों का घुसना वर्जित था
लोगों से वन अधिकार छीन लिये रंवाई क्षेत्र में आने जाने वाले रास्ते, पशुओं को बांधने वाले छाने भी वन सिमा के अंतर्गत आ गये ।
वन नीति पर राज्य सरकार की अनदेखी को देखते हुए 30 मई 1930 को यमुना के तट पर तिलाड़ी के मैदान में वन नीति का विरोध करने के लिये भीड़ इकट्ठा होती है इस निहत्थी भीड़ पर टिहरी के दीवान चक्रधर जुयाल गोली चलाने का आदेश देते हैं।
टिहरी राज्य आन्दोलन – Uttarakhand Gk In Hindi
- 1938 में दिल्ली में अखिल भारतीय पर्वतीय जन सम्मेलन का आयोजन हुआ इस सम्मेलन में बद्रीदत्त पांडे व श्री देव सुमन ने भाग लिया तथा2 पर्वतीय लोगों की समस्याओं को रखा।
- 1938 में श्रीनगर में जवाहर लाल नेहरू की अध्यक्षता में एक राजनीतिक सम्मेलन हुआ इसमें श्री देव सुमन ने पृथक राज्य की मांग रखी।
- 1938 में श्री देव सुमन ने गढ़देश सेवा संघ नामक संगठन बनाया बाद ने इसका नाम हिमालय सेवा संघ पड़ा।
- 1939 में श्री देव सुमन ने देहरादून में टिहरी राज्य प्रजामंडल की स्थापना की इसमें उनके साथी नागेंद्र सकलानी, भोलूदत्त, गोविंद भट्ट आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- 1941 को श्री देव सुमन को गिरप्तार कर लिया गया व कुछ समय पश्चात रिहा कर दिया गया।
- 27 दिसंबर 1943 को श्री देव सुमन को चंबाखाल में गिरफ्तार कर लिया गया व उन पर अनेक अत्याचार किये गये।
- 3 मई 1944 को कारावास में श्री देव सुमन ने आमरण अनशन की शुरुआत की।
- 25 जुलाई 1944 को 84 दिनों की भूखहड़ताल के बाद श्री देव सुमन की मृत्यु हो जाती है।
- 1947 ई० को मानवेन्द्र शाह शांति रक्षा अधिनियम लागू करता है।
कीर्तिनगर आन्दोल(1948):- 1948 में कीर्तिनगर में विशाल रैली उमड़ पड़ती है इस भीड़ पर सैनिकों द्वारा गोली चलाई गयी इस आंदोलन में नागेंद्र सकलानी व भोलाराम शहीद हो जाते हैं
टिहरी रियासत का विलय:- 1 अगस्त 1949 को टिहरी रियासत का विलय भारतीय संघ में हो जाता है।