History of Uttarakhand / उत्तराखंड ऐतिहासिक काल (प्राचीन काल) – Uttarakhand History In Hindi
- कुणिंद शासकों का शासन उत्तराखंड में तीसरी-चौथी ई. तक रहा
- अशोक कालीन शिलालेख में इस क्षेत्र को अपरांत व इस क्षेत्र के लोगों को पुलिंद कहा गया
- कुणिंद वंश की प्रारम्भिक राजधानी कालकूट थी
- कुणिंद वंश का सबसे शक्तिशाली राजा अमोघभूति था
- कुणिंद राजवंश की दो प्रकार की मुद्राएं प्राप्त होती है-
1.अमोघभूति मुद्राएं – अमोघभूति की ताम्र व रजत मुद्राएं पश्चिम में ब्यास से लेकर अलकनंदा तक तथा दक्षिण में सुनेत तथा बेहत तक प्राप्त हुई हैं।
इन मुद्राओं में देवी तथा मृग का अंकन तथा ब्राह्मी लिपि में राजः कुणिन्दस अमोघभूति महरजस अंकित है।
2.अल्मोड़ा प्रकार की मुद्राएं- ये उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्रों से प्राप्त हुए हैं
प्रमुख विदेशी लेखक टॉलमी ने कुणिन्दों के बारे में अपने लेख में लिखा है व इन्हें कुणिदस्य कहा।
- शकों ने कुणिंदों को पराजित कर इनके मैदानी क्षेत्रों पर अधिकार किया।
- कुमाऊँ में सूर्य मंदिर व सूर्य मूर्तियां शकों के अधिकार की पुष्टि करती हैं इनमें अल्मोड़ा में स्थित कटारमल सूर्य मंदिर विशेष रुप से प्रसिद्ध है।
कुषाण-
- शकों के बाद कुषाणों ने राज्य के तराई क्षेत्रों पर अधिकार किया।
- प्रमुख कुषाणकालीन अवशेष- वीरभद्र(ऋषिकेश), मोरध्वज(कोटद्वार के पास) ,गोविषाण(काशीपुर)।
- कान्ति प्रसाद नौटियाल ने अपनी पुस्तक, “आर्केलॉजी ऑफ़ कुमाऊँ“ में गोविषाण का उल्लेख करते हुए लिखा है की गोविषाण कुषाणों का प्रमुख नगर था।
- योधेय कुणिंद राजवंश के समकालीन थे।
- योधेय शासकों की मुद्राएं जौनसार-बाबर(देहरादून) तथा कालों-डांडा(पौड़ी) से मिले।
- “बाड़वाला यज्ञ वेदिका ” का निर्माण शीलवर्मन ने कराया।
- बाड़वाला विकासनगर(देहरादून) के समीप स्थित है।
- शीलवर्मन ने अश्वमेघ यज्ञ के दौरान बाड़वाला यज्ञ – वेदिका का निर्माण कराया।
- कुछ इतिहासकार शीलवर्मन को कुणिंद व कुछ योधेय राजवंश का मानते हैं।
कर्तृपुर राज्य-
- कर्तृपुर राज्य राज्य में उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, व रुहेलखंड का उत्तरी भाग समिलित था।
- अधिकांश इतिहासकार मानते हैं कि कर्तृपुर राज्य के संस्थापक कुणिंद थे।
- समुद्र गुप्त के प्रयाग प्रशस्ति में कर्तृपुर राज्य को गुप्त साम्राज्य की उत्तरी सीमा पर स्थित एक अधीन राज्य बताया गया है।
- ”प्रयाग प्रशस्ति” समुद्र गुप्त के दरबारी कवि हरिषेण द्वारा रचित लेख है
- 5वीं शती में नागों ने कर्तृपुर राज्य के कुणिंद राजवंश को समाप्त करके उत्तराखंड में अधिकार कर दिया।
- 6वीं शती में कन्नौज के मौखरी राजवंश ने नागों की सत्ता समाप्त करके पर अधिकार किया।
- गुप्त राजवंश के पतन के पश्चात मौखरी राजवंश स्थापित हुआ।
- मौखरी राजवंश की राजधानी कन्नौज थी।
- कन्नौज का प्रथम मौखरि शासक हरिवर्मा(520 ई०) था।
- बाणभट्ट द्वारा रचित हर्षचरित में उल्लेख है कि हर्षवर्धन ने कन्नौज पर आक्रमण कर ग्रहवर्मा की हत्या की ।
- इसके पश्चात उत्तराखंड हर्षवर्धन के अधिकार में हो गया।
हर्षवर्धन का शासन(606-647 ई०)
- हर्षवर्धन के शासन का विवरण बाणभट्ट द्वारा रचित हर्षचरित में मिलता है।
- हर्षवर्धन के शासन काल मे चीनी यात्री ह्वेनसांग भारत दौरे ओर आया।
- ह्वेनसांग ने उत्तराखंड को पो-ली-हि-मो-पु-लो(ब्रह्मपुर) कहा।
- ब्रह्मपुर राज्य हर्ष के अधीन था।
- ह्वेनसांग ने हरिद्वार को कहा -मो-यू-लो 20 ली।
- कार्तिकेयपुर राजवंश की स्थापना हुई-700 ई.।
- इस राजवंश को उत्तराखंड का प्रथम ऐतिहासिक राजवंश माना जाता है।
- इनकी राजधानी प्रथम 300 वर्षो तक जोशीमठ(चमोली) में तथा बाद में बैजनाथ(बागेश्वर) के पास बैधनाथ-कार्तिकेयपुर नामक स्थान पर रही।
- कार्तिकेयपुर राजवंश का संस्थापक बसन्तदेव था।
- बसन्तदेव का विवरण बागेश्वर लेख में मिलता है ।
- यह कार्तिकेयपुर राजवंश के प्रथम शासक था।
- इसने परमभट्टारक महाराजाधिराज परमेश्वर की उपाधि प्राप्त की थी।
- बसन्तदेव ने बागेश्वर समीप एक मंदिर को स्वर्णेश्वर नामक ग्राम दान में दिया था।
- बागेश्वर,कंडारा, पांडुकेश्वर, एवं बैजनाथ आदि स्थानो से प्राप्त ताम्र लेखों से इस राजवंश के इतिहास के बारे में जानकारी मिलती है।
- वास्तुकला तथा मूर्तिकला के क्षेत्र में यह उत्तराखंड का स्वर्णकाल था।
- कार्तिकेयपुर राजाओं के देवता कार्तिकेय थे।
- इतिहासकार लक्ष्मीदत्त जोशी के अनुसार कार्तिकेयपुर के राजा मूलतः अयोध्या के थे ।
- इतिहासकार बद्रीदत्त पांडे नके अनुसार कार्तिकेयपुर के राजा सूर्यवंशी थे।
खर्परदेव वंश-
- खर्पर देव वंश का विवरण बागेश्वर लेख में मिलता है।
- खर्परदेव वंश की स्थापना खर्परदेव ने की।
- इसका पुत्र कल्याण राज था।
- खर्परदेव वंश का अंतिम शासक त्रिभुवन राज था।
- निम्बर वंश का सर्वाधिक उल्लेख पांडुकेश्वर(जोशीमठ) के ताम्रपत्र में मिलता है।
- पांडुकेश्वर ताम्रपत्र संस्कृति भाषा मे लिखा गया है।
- निम्बर वंश की स्थापना निम्बर देव ने की ।
- निम्बर वंश के शासक-
- 1.निम्बर- इसे शत्रुहन्ता भी कहा गया है
- 2.इष्टगण – इसने समस्त उत्तराखंड को एक सूत्र में बांधने का प्रयास किया।
- 3.ललितशूर देव – पांडुकेश्वर के ताम्रपत्र में इसे कालिकलंक पंक में मग्न धरती के उद्धार के लिये बराहवतार बताया गया।
- 4. भूदेव – इसने बैजनाथ मंदिर के निर्माण में सहयोग किया।
- बैजनाथ मंदिर बागेश्वर जिले के गरुड़ तहसील में स्थित है।
- यह मंदिर 1150 ई० में बनाया गया।
सलोड़ादित्य वंश-
- सलोड़ादित्य वंश की स्थापना इच्छरदेव ने की।
- सलोड़ादित्य वंश का उल्लेख बालेश्वर एवं पांडुकेश्वर से प्राप्त ताम्र लेखों में मिलता है।
- इच्छरदेव के बाद इस वंश में देसतदेव, पदमदेव, सुमिक्षराजदेव आदि शासक हुए।
शंकराचार्य का उत्तराखण्ड आगमन-
- शंकराचार्य भारत के महान दार्शनिक व धर्मप्रवर्तक थे।
- शकराचार्य का आगमन उत्तराखंड में कार्तिकेयपुर राजवंश के शासन काल मे हुआ।
- शंकराचार्य ने हिन्दू धर्म की पुनः स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उत्तराखण्ड के प्राचीन काल से संबन्धित महत्वपूर्ण MCQ
Q1-उत्तराखण्ड पर शासन करने वाली प्रथम राजनीतिक शक्ति कौन थी-
( a ) कार्तिकेयपुर
( b ) मौर्य
( c ) कुणिंद
( d ) शक
Ans- C
Q2- अल्मोड़ा का कटारमल सूर्य मंदिर इस क्षेत्र में किसके अधिपत्य को प्रमाणित करता है-
(a).शकों
(b) कुषाणों
(c) कुणिंद
(d) कार्तिकेयपुर
Ans- A
Q3-उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल गोविषाण की पहचान की गयी हैं –
( a ) हरिद्वार में
( b ) काशीपुर में
( c ) रुद्र प्रयाग में
( d ) श्रीनगर में
Ans- B
Q4-निम्न में से किस राजवंश को उत्तराखण्ड का प्रथम ऐतिहासिक राजवंश माना जाता है ?
( a ) चन्द्रवंश
( b ) पंवारवंश
( c ) कार्तिकेयपुरवंश
( d ) निबंरवंश
Ans- C
Q5- बाड़वाला यज्ञ – वेदिका का निर्माण किसने करवाया-
(a).अमोघभूति
(b).शीलवर्मन
(c) बसन्तदेव
(d) इष्टगण
Ans- B
Q6- हर्षवर्धन के शासन काल मे वे कौन सा चीनी यात्री आया जिसने उत्तराखंड की यात्रा की थी-
(a) इत्सिंग
(b) ह्वेनसांग
(c) फाह्यान
(d) इनमें से कोई नहीं
Ans- B
Q7- कार्तिकेयपुर राजवंश का संस्थापक कौन था ?
( a ) वसंत देव
( b ) निम्बर देव
( c ) लखन पाल देव
( d ) सुभिक्ष राज देव
Ans- A
Q8- खर्परदेव वंश की स्थापना किसने की-
(a) निम्बर देव
(b)कल्याण राज
(c) त्रिभुवन राज
(d) खर्परदेव
Ans- D
Q9- खर्परदेव वंश के बाद किस वंश की स्थापना हुई-
(a) निम्बर वंश
(b) कत्यूरी वंश
(c) चन्द्र वंश
(d) परमार वंश
Ans- A
Q10- वह कौन सा शासक था जिसने बैजनाथ मंदिर के निर्माण में सहयोग किया-
(a) ललितशूर देव
(b) भू देव
(c) इच्छरदेव
(d) सुमिक्षराजदेव
Ans- B
Q11-उत्तराखण्ड में प्राचीन ऐतिहासिक स्थान जो कार्तिकेयपुर ‘ राजाओं का मुख्य स्थान भी रहा है ?
( a ) दूनागिरी
( b ) बागेश्वर
( c ) द्वाराहाट
( d ) जागेश्वर
Ans- B
Q12-कार्तिकेयपुर शासकों के समय उत्तराखण्ड में निम्न में से किस प्रसिद्ध संत / सन्यासी का आगमन हुआ था ?
( a ) शंकराचार्य जी
( b ) रामानन्दाचार्य जी
( c ) बल्लभाचार्य जी
( d ) रामानुजाचार्य जी
Ans- A
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